बाइस करोड़ की प्रॉपर्टी, साढ़े सात करोड़ कन्वरशन फीस NOC की जगह तीन साल से एस्टेट ऑफिस दे रहा तारीख पे तारीख

बाइस करोड़ की प्रॉपर्टी, साढ़े सात करोड़ कन्वरशन फीस NOC की जगह तीन साल से एस्टेट ऑफिस दे रहा तारीख पे तारीख

Property worth 22 crores

Property worth 22 crores

चंडीगढ़ / खुशविंदर धालीवाल 8 अगस्त : Property worth 22 crores: केंद्र शासित चंडीगढ़ जैसे अल्ट्रा मॉडर्न शहर में जहाँ प्रशासन ये दावा करता है सरकारी रिकॉर्ड 100% ऑनलाइन हो चुका है ऐसे शहर में एक ऐसा व्यक्ति जो निवेशक, पूँजीपति, बिल्डर और राजनैतिक पहुच वाला भी है अपनी प्रॉपर्टी की कन्वर्शन को ले कर चंडीगढ़ के सम्पदा विभाग के पिछले साढ़े तीन साल से चकर काट रहा है आज ज़ब एक एक ऑब्जेक्शन क्लियर होने के बाद भी NOC नहीं मिली तो सुभाषशर्मा ने एस्टेट ऑफिस की बिल्डिंग ब्रांच के NOC विभाग के बाहर धरना लगा दिया I

कौन है सुभाष शर्मा,क्या है मामला 

भाजपा कार्यकारिणी सदस्य सुभाष शर्मा और निवेशक व बिल्डर है l सुभाष शर्मा ने 2020 में इंडस्ट्रियल एरिया फेज में प्लाट नंबर 89 करीब बाइस करोड़ रु में खरीदा l शर्मा इन्वेस्टर है उनका प्लान था प्रॉपर्टी कन्वर्ट करवा कर इसे आगे किराये पर दे देंगे l प्लाट की माल्कियत चेंज करवा अपने नाम रजिस्ट्री करवा कर कन्वर्शन के लिए 2021 के में अपने सारे संबंधित कागजात एस्टेट ऑफिस की बिल्डिंग ब्रांच में जमा करवा दिए l बस फ़रवरी 2021 से आज अगस्त 2024 तक सुभाष शर्मा एसडीओ बिल्डिंग सेक्टर 17 चंडीगढ़ के चक़्कर काट रहे है l उनके इस ब्रांच में आने के बाद एक लम्बी फेरहिस्त ऑब्जेक्शन के रूप में दी गई जिसे सुभाष शर्मा ने एक एक करके क्लियर किया, कभी नक्शा ठीक नहीं, कभी रिकॉर्ड मैन्युअल में तो है अभी ऑनलाइन नहीं है, आज फलां अधिकारी छुट्टी पर है तो कभी सर्वर सलो है जितनी बार भी नक्शा बदला गया हर बार फिर से पास हुआ और हर बार फीस अलग से भरी गई l धरने पर बैठे हैं शर्मा का दावा है कि वो दो संबंधित अधिकारिओ को रिश्वत भी दे चुके है पिछले तीन वर्षों से सात करोड़ रुपये कन्वर्जन फीस जमा करने के बाद, वह लंबे इंतजार से थक चुके हैं, आज वह विरोध स्वरूप धरने पर बैठे हैं।

तत्कालीन डी सी ने दिया था आश्वासन 

सुभाष शर्मा ने बताया साढ़े तीन साल के दौरान वो कई बार तत्कालीन डी सी एस्टेट ऑफिस चंडीगढ़ से भी मिले छः महीने पहले तो डी सी साहब से आश्वासन के साथ ये बताया कि ये काम अगर मैन्युअली भी होता तो दो से तीन महीने में फ़ाइल क्लियर होती है

डी सी साहब की जुबानी 

इस प्रकरण के दौरान डी सी रहे एच सी एस जो संयम गर्ग जो अपने मूल कैडर हरियाणा जा चुके है से ज़ब बात हुई तो उन्होंने ने साफ किया बिल्डिंग ब्रांच मेरे पास नहीं थी सुभाष शर्मा से हुई तीन महीने वाली बात पर कोई जवाब नहीं दिया